2005 सूचना का अधिकार अधिनियम


 

प्रोएक्टिव खुलासे

4 (i) धारा (ख) के तहत सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के लिए अधिकार

4 (1) (ख) (viii) बोर्डों, परिषदों, समितियों और के दो या दो से अधिक व्यक्तियों से मिलकर गठित, अन्‍य निकायों या इसके भाग के रूप में  सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठित, और उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली हैं अथवा ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त जनता के लिए सुलभ।

बोर्डों, समितियों और कार्यवृत्‍त  के संबंध में ब्यौरों का खुलासा जनता और राज्य के व्यापक हित में आम लोगों के लिए नहीं किया जा सकता है। ये समितियां / परिषदें मालिकाना / वैज्ञानिक जानकारी से जुड़ी हैं जो है जो स्पष्ट रूप से गोपनीय प्रकृति की हैं।  यह पहलू अधिनियम के चैप्‍टर ii, पैरा 4 (i) (ख) (viii),  के अनुसार है जो सूचना के प्रकटीकरण से छूट ये संबंधित है, जो सूचनाओं को न देने का वादा करता है, जोकि व्‍यापार, आसूचना एवं सुरक्षा के लिए संवेदनशील हैं।

सूचना का अधिकार अधिनियम (4 पैरा (i) (ख) (viii), अध्याय II) में जानकारी के प्रकटीकरण और एस एंड टी विभाग के सभी कार्यक्रमों में शामिल हितों को ध्यान में रखते हुए सूचना के प्रकटीकरण से छूट के बाद से छूट के तहत डीएसआईआर के सभी कार्यक्रमों के लिए सामान्य रूप से सक्षम प्राधिकारी द्वारा सिफारिश की थी।

  • तृतीय पक्ष से संबंधित सूचना जिसमें आवेदन तथा इसके संलग्‍नकों की प्रति सम्‍मिलित है, जिसे डीएसआईआर के विभिन्‍न कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रस्‍तुत किया गया हो, प्रदान नहीं की जाएगी।
  • डीएसआईआर के विभिन्‍न कार्यक्रमों के अंतर्गत गठित मूल्‍यांकन, सलाहकार, परियोजना समीक्षा तथा कोई अन्‍य समितियों के कार्यवृत तथा संघटन की सूचना प्रदान नहीं की जाएगी।
  • बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) शोध कार्य के रूप में कोई जानकारी, बाजार में किसी भी संस्था / संगठन / तृतीय पक्ष की खुफिया डेटा प्रदान नहीं किया जा जाएगा।
  • कोई भी सूचना है जो आरटीआई अधिनियम के तहत परिकल्पित छूट के दायरे में आता है प्रदान नहीं की जाएगी।